सीवान. तेजाब से दो लड़कों के मर्डर मामले में सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को कोर्ट ने दोषी माना है। सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से 2004 में हुई इस घटना के वक्त शहाबुद्दीन जेल में थे। लेकिन फैसले से साबित हो गया है कि जेल एडमिनिस्ट्रेशन झूठ बोल रहा था। सजा 11 दिसंबर को सुनाई जाएगी। फांसी या उम्रकैद हो सकती है।
16 अगस्त 2004 को कारोबारी चन्द्र केश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश को उनकी दुकान से किडनैप किया गया था।
दोनों लड़कों को सीवान के प्रतापपुर गांव ले जाया गया। जहां तेजाब डालकर उनकी हत्या कर दी गई।
कोर्ट के सामने मारे गए लड़कों के भाई ने आई विटनेस के तौर पर कहा कि घटना के वक्त शहाबुद्दीन भी मौजूद थे। और उनके कहने पर ही दोनों लड़कों का मर्डर किया गया।
पूर्व सांसद के साथ चार और लोगों को भी दोषी ठहराया गया है।
इस मामले की सुनवाई के लिए सीवान जेल में ही एक स्पेशल कोर्ट बनाया गया था। 11 दिसंबर को सजा का एलान किया जाएगा।
शहाबुद्दीन को हो सकती है फांसी या उम्रकैद
स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्युटर जय प्रकाश सिंह ने इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ केस मानते हुए आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की थी। जानकार भी मानते हैं कि शहाबुद्दीन को फांसी या उम्र कैद की सजा सुनाई सकती है।
Source: Bhaskar.com