नई दिल्ली/पटना. अगर सबकुछ तय योजना के तहत हुआ तो बिहार के कम से कम तीस हजार युवाओं को अपने घर के आसपास ही नौकरी मिल जाएगी, जबकि झारखंड के 12 हजार युवाओं को इससे लाभ मिलेगा। छोटे शहरों में बीपीओ यानी कॉल सेंटर खोलने की केंद्र की योजना के तहत बिहार के 18 और झारखंड के आठ जिले का से अधिक चयन किया गया है। बिहार में एक शिफ्ट के लिए करीब 10 हजार, जबकि झारखंड में चार हजार पद स्वीकृत किए गए हैं। आम तौर पर कॉल सेंटर में 24 घंटे काम होता है।
इस लिहाज से दोनों राज्यों में 42 हजार लोग इनसे जुड़ सकेंगे।केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस साल के मई महीने में छोटे शहरों में कॉल सेंटर योजना की घोषणा की थी। उसके बाद कंपनियों से कहा गया था कि वह इसे जमीन पर उतारने के लिए आगे आएं। अबतक 78 कंपनियों ने कॉल सेंटर खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। मंत्रालय के अनुसार ये कंपनियां देश के 190 शहरों में कॉल सेंटर खोलने को राजी हैं। सभी कॉल सेंटर खुल गए तो एक शिफ्ट में सवा लाख लोगों को नया रोजगार मिलेगा। कंपनियों के प्रस्ताव से मंत्रालय उत्साहित है। क्योंकि पहले चरण में कॉल सेंटर के लिए सिर्फ 48 हजार पदों की घोषणा की गई थी। जबकि प्रस्ताव सवा लाख रोजगार का आ गया।
केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि छोटे शहरों में बीपीओ देश में डिजिटल क्रांति की शुरुआत है। अबतक देश के कुछ चुनिन्दा और बड़े शहरों में ही यह सुविधा थी। हम उमीद करते हैं कि आने वाले दिनों में इसका दायरा और बढ़ेगा।
Source: Bhaskar.com