डीडीसीए घोटाले में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली पर आरोप लगाने वाले बीजेपी एमपी कीर्ति आजाद को पार्टी ने सस्पेंड कर दिया है। उन पर पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने का आरोप लगा है। बीजेपी ने नोटिस देकर आजाद से पूछा है कि उनकी मेंबरशिप क्यों न खत्म की जाए? जवाब के लिए 14 दिनों का वक्त दिया गया है।
सस्पेंड होने पर कीर्ति का रिएक्शन
-‘मैंने नहीं कहा था कि अरुण जेटली चोर हैं। मैंने किसी का नाम नहीं लिया। मैं किसी पार्टी से नहीं मिला हुआ हूं। ईमानदारी से काम किया है।’
क्या है मामला?
– कीर्ति आजाद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि डीडीसीए में 14 फर्जी कंपनियों के जरिए घोटाला किया गया है।
-उन्होंने घोटाला कैसे हुआ, यह बताते हुए कहा था कि एक लैपटॉप को 16 हजार रुपए किराए पर लिया गया था। जबकि इतने में नया लैपटॉप खरीदा जा सकता है।
-आजाद संसद में भी जेटली का नाम लिए बिना उन पर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने डीडीसीए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
-1999 से 2013 तक अरुण जेटली डीडीसीए के प्रेसिडेंट रहे हैं।
किसने की कीर्ति पर एक्शन की मांग?
– बिहार से बीजेपी लीडर सुशील मोदी ने कीर्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
– मोदी ने कहा, ”बिहार बीजेपी जेटली के साथ खड़ी है। परेशान करने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लेने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए।”
– मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यही बात कही।
– सीएम चौहान ने ट्वीट में कहा, ”बीजेपी की पहचान अनुशासन है। सभी मेंबर्स को इसका ध्यान रखना चाहिए। अच्छा होगा कि पार्टी में ही अलग-अलग मत रखे जाएं, बाहर नहीं।”
– मोदी ने कहा, ”बिहार बीजेपी जेटली के साथ खड़ी है। परेशान करने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लेने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए।”
– मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यही बात कही।
– सीएम चौहान ने ट्वीट में कहा, ”बीजेपी की पहचान अनुशासन है। सभी मेंबर्स को इसका ध्यान रखना चाहिए। अच्छा होगा कि पार्टी में ही अलग-अलग मत रखे जाएं, बाहर नहीं।”
Source: Bhaskar.com