बिहार और झारखंड की 18 बेटियां फर्राटे से ट्रेन दौड़ा रही हैं। पटरियों पर उन्हें ट्रेन चलाते देख बाकी महिलाएं भी खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं। वे महिलाओं की आईकॉन बन गई हैं। परिवार के लिए कुछ करने गुजरने का जज्बे के साथ लोको पायलट बनीं महिलाओं में अधिकांश गरीबी के बीच पली बढ़ी हैं। रेल विभाग को भी इन पर गर्व है और ये महिला सशक्तीकरण की मिसाल बन गई हैं।
पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन के समस्तीपुर रेल मंडल में सबसे अधिक 6 लोको पायलट व सहायक लोको पायलट कार्यरत हैं। सोनपुर, धनबाद और दानापुर रेल मंडल में क्रमश: 5, 4 और 3 महिला लोको पायलट व सहायक लोको पायलट पदस्थापित हैं। खास बात यह कि बड़े भू भाग में फैले मुगलसराय रेल मंडल में अभी एक भी महिला लोको पायलट पदस्थापित नहीं हैं। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक ने बताया कि दानापुर रेल मंडल में लोको पायलट गुड्डू कुमारी, माधुरी कुमारी और रिचा कुमारी कार्यरत हैं।
सोनपुर रेल मंडल के मुजफ्फरपुर क्रू लॉबी में लोको पायलट शोभा कुमारी, सोनपुर में शिल्पा कुमारी, नैंसी कुमारी, सिम्पी कुमारी और मधु कुमारी पदस्थापित हैं। धनबाद रेल मंडल के धनबाद स्टेशन पर लोको पायलट रिचा कुमारी, जानकी बल्लभ बारी, माया कुमारी और बोकारो जंक्शन पर प्रियंका कुमारी कार्यरत हैं। समस्तीपुर रेल मंडल के समस्तीपुर स्टेशन पर लोको पायलट व सहायक लोको पायलट संयुक्ता कुमारी, चंदा कुमारी, गीता कुमारी, नेहा आनंद और सहरसा स्टेशन पर पिंकी कुमारी पदस्थापित हैं।
सीपीआरओ ने कहा कि बिहार और झारखंड के विभिन्न रेलखंडों पर ट्रेन चला रहीं इन लोको पायलट पर रेल विभाग को गर्व है। रेल अधिकारियों की मानें तो इनमें से कई महिला लोको पायलट की इच्छा अब बुलेट ट्रेन चलाने की है। 18 में से एक सहायक लोको पायलट कंचन कुमारी पदस्थापन के इंतजार में है। ये अभी समस्तीपुर क्रू लॉबी में कार्यरत हैं।
Source: LiveHindustan