पटना गुरुगोविंद सिंह महाराज ने विश्व में एकता, अखंडता, सद्भावना और बंधुत्व का संदेश दिया। धर्मरक्षा के लिए गुरुजी का त्याग व बलिदान प्रेरणादायक है। यह बात खालसा पंथ के संस्थापक गुरुगोविंद सिंह महाराज के 349वें प्रकाशोत्सव पर आयोजित विशेष दीवान में विद्वानों ने कही।
शनिवार को प्रकाशोत्सव का मुख्य समारोह था। इसमें देशभर से रागी जत्था, कवि, संत, संगीतकार और विद्वान आए। सुबह में आशाजी वार, अरदास और हुकुमनामा के बाद समारोह शुरू हुआ। गुरु शबद पर विचार संत ज्ञानी हरनाम सिंह जी खालसा मुख्य दमदमी टकसाल ने रखा।
मुख्य समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद भी आए। उन्होंने कहा कि गुरु महाराज के त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। वे महान लोकनायक और युग प्रवर्तक महापुरुष थे। उनके संदेश प्रेरणादायक हैं। राज्यपाल ने कैलेंडर और स्मारिका का विमोचन किया। विधायक नंदकिशोर यादव भी समारोह में आए।
प्रकाशोत्सव पर तख्त साहिब में 24 घंटे लंगर चला। इसमें देश-विदेश से आए सिख श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। बाला प्रीतम सिंह सेवा सोसाइटी एवं दशमेश परिवार सेवा सोसाइटी की ओर से आधा दर्जन जगहों पर अटूट लंगर चला। सेवा में दर्जनों सिख श्रद्धालु लगे रहे। देररात बैंड-बाजों पर गुरुवाणी की धुन बजने लगी। चारों ओर खुशी का माहौल बन गया। फूलों की बरसात हुई। तख्त परिसर में आतिशबाजी हुई। स्टेट की सेवा का दायित्व सरदार कल्याण सिंह ने पूरा किया। इसके बाद अरदास हुई। 2017 में आयोजित होने वाले 350वें प्रकाशोत्सव पर चर्चा हुई।
Source: Bhaskar.com