Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के विकास के लिये सभी दलों से अपने पूर्वाग्रहों को त्यागने का अनुरोध करते हुए आज कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में प्रगतिशील एवं समाजवादी विचारधारा के लोगों को राजनैतिक एवं सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिये एकजुट होने की जरूरत है।
कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी०पी०आई) के वरिष्ठ नेता स्व. ए०बी० वर्धन की स्मृति में आयोजित सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुये कहा कि देश में लोकतांत्रिक एवं धर्मनिपरेक्ष ताकतों को मिलकर मौजूदा हालात से निपटते हुये समावेशी विकास, सहिष्णुता, सामाजिक समरसता और सामाजिक न्याय के रास्ते पर देश और समाज को आगे बढ़ाना है।
उन्होंने स्व. वर्धन को याद करते हुए कहा कि वर्धन साहब का एक लंबा राजनैतिक इतिहास रहा है। उन्होंने देश की राजनीति और मजदूर आन्दोलन में अहम भूमिका अदा की और उनका संबंध एवं समन्वय सभी राजनैतिक दलों से काफी अच्छा रहा। देश के राजनैतिक इतिहास में जब भी चुनौतियां आयी तब-तब वर्धन साहब ने सबको साथ लेकर देशहित में कदम उठाया।
मुख्यमंत्री ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र की आत्महत्या मामले में कहा कि किसी विश्वविद्यालय में इस प्रकार की घटना नहीं घटित होनी चाहिए। किसी दलित छात्र के साथ इस प्रकार का व्यवहार हो कि वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाये। यह देश के लिये चिन्ता की बात है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक उदारीकरण के दौर के बाद जो शक्तियां पनपी हैं समाज में असहिष्णुता का वातावरण बना है। इस प्रकार का वातावरण किसी देश के विकास में बाधक है। विकास के लिये सभी दलों को पूर्वाग्रहों को त्यागना जरूरी है अन्यथा हम अपने विचारों को आगे नहीं बढ़ा पायेंगे।
आज की स्थिति में बिहार जैसी गोलबंदी की जरूरत है ताकि वर्तमान की चुनौतियों का सामना एकजुट होकर किया जा सके और सबके हित का लक्ष्य प्राप्त हो सके।
Source: Livehindustan.com