मुजफ्फरपुर. नेपाल से निकलने वाली बागमती, पुरानी बागमती, लखनदेई, अधवारा समूह की नदियों के साथ बूढ़ी गंडक नदी को आपस में जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य क्षेत्र को बाढ़ से निजात दिलाने के साथ ही गर्मी के समय पूरे क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना है।
केंद्र सरकार के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया है। बूढ़ी गंडक नदी का पश्चिमी चंपारण के चनपटिया से लेकर खगड़िया तक सर्वेक्षण किया जा रहा है। यह कार्य 31 मार्च तक पूरा कर राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
इसके आधार पर नदियों को आपस में जोड़ने का कार्य शुरू होगा। राज्य सरकार ने डिजिटल ग्लोबल पोजिशन सिस्टम से नदियों का सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है।
तल से निकलेगा गाद, आवश्यकता अनुसार ऊंचे किए जाएंगे तटबंध
बागमती, गंडक समेत पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व मुजफ्फरपुर से गुजरने वाली नदियां उत्तर दिशा में फैलती हैं। इस क्षेत्र से गुजरने वाली नदियों के तल में गाद भरने के बाद वह अपनी धारा बदल रही हैं। इसको देखते हुए इन नदियों के तल से आवश्यकता अनुसार गाद निकाला जाएगा तथा किनारे के बांध को ऊंचा किया जाएगा।
बोचहां के आथर में कटाव रोकने के लिए होगा उचित उपाय
बोचहां प्रखंड के आथर में बूढ़ी गंडक का वर्षों से कटाव होने से लोग परेशान हैं। नदी लगातार उत्तर की ओर बढ़ रही है। डीजीपीएस मैपिंग के बाद नदी की धारा बदलने का प्रयास होगा तथा भीतर में धारा को मोड़ने के लिए अतिरिक्त बांध बनाया जा सकता है।
बूढ़ी गंडक नदी से पहले बागमती नदी की पुरानी तथा नई धाराओं का सर्वेक्षण हो चुका है। गंडक नदी में मिलने वाले स्थान से लेकर उसके पीछे 30 किलोमीटर तक सीतामढ़ी जिले के रून्नीसैदपुर प्रखंड तक सर्वेक्षण किया गया है। बागमती की नई धारा रून्नीसैदपुर से मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड में गाद निकालने की आवश्यकता है। पुरानी धारा को चालू करने से पूर्व किनारे पर बांध का निर्माण होना आवश्यक है।
Source: Bhaskar.com