पटना. बिहार सरकार ने प्रशांत किशोर को सीएम नीतीश कुमार का एडवाइजर अप्वाइंट किया है। उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा मिला है। इस बारे में नोटिफिकेशन गुरुवार को जारी कर दिया गया।
अब क्या काम करेंगे प्रशांत…
– बिहार सरकार की पॉलिसी को लागू करने में नीतीश को सलाह देंगे।
– बिहार असेंबली इलेक्शन में जीत के बाद से ही ऐसी खबरें आ रही थीं कि उन्हें सीएम का एडवाइजर बनाया जा सकता है।
– लेकिन पहले उन्होंने यह जिम्मेदारी संभालने से इनकार कर दिया था।
– इलेक्शन के दौरान प्रशांत ने नीतीश कुमार के लिए कैम्पेन स्ट्रैटजी तैयार करने में अहम रोल निभाया था।
कौन हैं प्रशांत किशोर?
– 37 साल के प्रशांत किशोर यूनाइटेड नेशन्स के हेल्थ वर्कर रहे हैं। 2011 में वे भारत लौटे और पॉलिटिकल पार्टियों के इलेक्शन कैम्पेन संभालने लगे और स्ट्रैटजी बनाने लगे।
– बताया जाता है कि वे बिहार बॉर्डर से सटे यूपी के बलिया जिले के रहने वाले हैं।
– उन्होंने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर गुजरात में कैम्पेन शुरू किया।
– 2012 में उन्होंने गुजरात असेंबली इलेक्शन में नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कैम्पेन की कमान अपने हाथों में ली। उस दौर में प्रशांत मोदी के साथ गुजरात के सीएम हाउस में रहते थे।
– 2014 के लोकसभा इलेक्शन में प्रशांत मोदी के मुख्य रणनीतिकारों में से एक थे।
पंजाब इलेक्शन में संभाल सकते हैं कांग्रेस का कैम्पेन
– खबर है कि प्रशांत किशोर बहुत जल्द पंजाब असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस के लिए कैम्पेन की कमान संभाल सकते हैं।
– उन्हें पंजाब के पूर्व सीएम और सीनियर कांग्रेस लीडर कैप्टन अमरिंदर सिंह के इलेक्शन कैम्पेन को लीड करने का जिम्मा सौंपा जा सकता हैं।
– प्रशांत ने कुछ महीने पहले सोनिया गांधी से चर्चा भी की थी।
नीतीश से कैसे जुड़े थे प्रशांत?
– बीजेपी से अलग होने के बाद प्रशांत कांग्रेस के कुछ सीनियर नेताओं के संपर्क में आए, जिन्होंने अक्टूबर 2014 में प्रशांत को जेडीयू सांसद पवन वर्मा से मिलवाया।
– इसके बाद कई दौर की मीटिंग के बाद दिल्ली में प्रशांत और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की मुलाकात हुई।
– इसी मीटिंग में डील फाइनल हुई। प्रशांत ने बिहार में इलेक्शन कैम्पेन के लिए दो शर्तें रखी थीं।
– पहली, जेडीयू के किसी नेता की रोक-टोक उन पर नहीं होगी और दूसरी, जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए।
– नीतीश ने शर्त के मुताबिक, मांझी को पद से हटाया और खुद बिहार के मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद प्रशांत पटना में सीएम नीतीश कुमार के 7 सर्कुलर रोड स्थित बंगले में शिफ्ट हो गए, जैसे नरेंद्र मोदी के लिए काम करते हुए वह गांधीनगर में उनके साथ रहते थे।
– इलेक्शन के दौरान 7 सर्कुलर रोड के बंगले में ही प्रशांत का ऑफिस था।
Source: Bhaskar.com