बिहटा: बिहटा स्थित राज्य सरकार के कस्टम मिलिंग राइस (सीएमआर) गोदाम में करीब पांच माह तक निकासी नहीं होने से यहां रखा चावल सड़ रहा है। सीएमआर के दो गोदामों में रखे करीब 52 हजार क्विंटल चावल में भारी मात्रा में खाने लायक नहीं बचा है। यही वजह है कि जब हाल में इनके निकासी के आदेश के बाद प्रखंड के गोदामों में यहां का चावल भेजा गया तो उन्होंने इसे वापस कर दिया।
डीबी स्टार ने इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि अपने गोदाम में चावल रहने के बावजूद एफसीआई के गोदाम से निकासी की गई, जिसकी वजह से यह चावल खराब हो गया। बिहटा में राज्य सरकार के चार सीएमआर गोदामों में फिलहाल दो में चावल रखा हैं, जिसमें पटना, जहानाबाद, अरवल, बांका जिलों के राइस मिलरों ने बीते साल 16 अगस्त तक चावल जमा कराया था। इसमें एक गोदाम में करीब 22 हजार 544 क्विंटल और दूसरे में 30 हजार 247 क्विंटल समेत कुल 52 हजार क्विंटल से ज्यादा चावल जमा रखा हुआ है।
कई प्रखंडों ने लौटाया चावल
पांच माह तक रखा चावल जब खराब होने लगा तो बीते 29 दिसंबर को इन गोदामों को रिलीज ऑर्डर जारी किया और दस दिन में इसे पूरा करने का आदेश दिया। लेकिन अब तक समय सीमा बीतने के बाद भी चावल की स्थिति को देखते हुए महज कुछ प्रखंडों के गोदाम प्रबंधकों ने सही बचे चावलों का उठाव किया, जबकि कुछ ने उठाव के बाद इसमें से भारी मात्रा में चावल वापस भी कर दिया। उनका कहना था कि चावल की क्वालिटी खराब हो चुकी है, जिसे लेने के लिए डीलर तैयार नहीं हैं। कटरा, धनरूआ, मसौढ़ी, पालीगंज, फतुहा, दनियावां प्रखंडों के गोदाम प्रबंधकों ने चावल का उठाव नहीं किया है, जबकि ठीक हालत में बचे कुछ चावलों का दानापुर, मनेर, बिहटा, नौबतपुर, विक्रम, पुनपुन प्रखंड ने उठाव किया है।
दो ट्रक खराब गुणवत्ता की वजह से वापस करना पड़ा
गोदाम प्रबंधक मोहम्मद शाहिद जमाल ने बताया कि कुछ दिनों तक आदेश के बाद तीन ट्रक चावलों का उठाव किया था, जिसमें दो ट्रक खराब गुणवत्ता की वजह से वापस करना पड़ा। डीलरों ने उस चावल को लेने से साफ इनकार कर दिया। यही वजह है कि कईयों ने चावल उठाव से मना कर दिया है।
Source: Bhaskar.com