भागलपुर. राज्यपाल सह कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश में हरित क्रांति लाने में किसानों व कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका सराहनीय रही है।
कृषि, पशु़ चिकित्सा, डेयरी व उद्यान के क्षेत्र में युवाओं की लगन का ही प्रतिफल है कि आज देश में कृषि सुधार के लिए नई तकनीकों का इजाद हो रहा है।
304 स्टूडेंट्स को दिया गया प्रमाण पत्र
इसी के आधार पर कृषि का विकास संभव है। कृषि के विकास में प्रसार-शिक्षा का काफी महत्व है। इस दिशा में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं व कार्यक्रमों ने कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी वर्गों को जागरूक करने का प्रयास किया है। राज्यपाल शनिवार को सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान 304 छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र दिया गया।
कृषि विवि के छात्र बना रहे पहचान
राज्यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। यहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले देश में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं। यहां से उपाधि प्राप्त करके कई छात्र-छात्राओं ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के जेआरएफ, एसआरएफ, नेट आदि में सफलता अर्जित की। उन्होंने कहा कि 2015 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा मान्यता प्रदान करना निसंदेह यहां की अच्छी शिक्षण-व्यवस्था का प्रमाण है।
यूनिवर्सिटी ने विभिन्न फसलों की 11 प्रजातियों एवं 18 तकनीकों को विकसित कर कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने में किसानों की मदद की है। यहां के वैज्ञानिकों की बौद्धिक क्षमता व सशक्त शोध कार्यक्रम का ही परिणाम है कि विश्वविद्यालय में 227 से ज्यादा शोध परियोजनाएं चल रही हैं। जिसमें 34 राष्ट्रीय व 20 अंतरराष्ट्रीय परियोजनाएं शामिल हैं।
दूसरी हरित क्रांति का संवाहक बनेगा बिहार : रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विवि झांसी के चांसलर डॉ. पंजाब सिंह ने कहा कि दूसरी हरित क्रांतिकी शुरुआत बिहार से होगी।
देश के कृषि विवि में सबौर की अच्छी रैंकिंग : बीएयू के वीसी ने कहा कि देश के कृषि विवि में सबौर की रैंकिंग अच्छी है।
Source: Bhaskar.com