नई दिल्ली. बीजेपी लीडर शाहनवाज हुसैन की लव स्टोरी की शुरुआत दिल्ली में तब हुई थी जब वो बस से कॉलेज जाया करते थे और उनकी वाइफ रेणु उसी बस से स्कूल।
कब और कैसे शुरू हुई थी दोनों की लव स्टोरी…
1986 में जब शाहनवाज हुसैन अपनी ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे, वे जिस बस से कॉलेज जाते थे, उसी बस में रेणु भी जाया करती थीं। वह हायर सेकंडरी की पढ़ाई कर रही थीं। एक ही बस में जाने के कारण दोनों की मुलाकात तो होती थी, लेकिन बातचीत नहीं। शाहनवाज हुसैन धीरे-धीरे रेणु की ओर अट्रैक्ट होने लगे और जल्द ही यह प्यार में बदल गया।
सीट ऑफर करने से शुरू हुआ बातों का सिलसिला
शाहनवाज का अट्रैक्शन प्यार में बदल चुका था। कॉलेज जाते समय दोनों की बस में मुलाकात हो जाती थी, लेकिन अब तक कोई भी बात नहीं बनी थी। एक दिन ऐसा मौका आया जब बस में शाहनवाज को तो सीट मिल गई, लेकिन रेणु को नहीं, तो उन्होंने अपनी सीट उन्हें ऑफर कर दी। उसके बाद दोनों की जान-पहचान हुई और धीरे-धीरे दोनों की बात होने लगी।
रेणु की फैमिली के बहुत क्लोज हो गए थे शाहनवाज
बस में मिलने के बाद कुछ दिनों तक दोनों में ऐसे ही बात होती रही। एक दिन शाहनवाज अचानक ही रेणु के घर पहुंच गए और उनके घर वालों से मिले। उसके बाद वो अक्सर रेणु के घर जाने लगे और उनकी फैमिली के क्लोज हो गए, लेकिन अभी भी वो रेणु को अपने दिल की बात नहीं बता पाए थे।
बर्थडे पर कार्ड में लिख कर दिया – ‘Will U be My Life Partner’
शाहनवाज ने कई बार अपने दिल की बात बताने की कोशिश की, लेकिन वो कह नहीं पाए। एक दिन रेणु के बर्थडे पर उन्होंने एक ग्रीटिंग कार्ड गिफ्ट किया, उसमें लिखा था ‘Will U be My Life Partner’। हालांकि, उन्होंने शहनावाज के प्रपोजल को तो एक्सेप्ट नहीं किया, लेकिन उनसे फ्रेंडशिप कर ली।
लव स्टोरी को शादी तक पहुंचने में लगे नौ साल
शाहनवाज हुसैन ने हार नहीं मानी और अपनी कोशिश जारी रखी। धीरे-धीरे रेणु भी शाहनवाज की ओर अट्रैक्ट होने लगीं और दोनों एक-दूसरे को प्यार करने लगे। हालांकि, रेणु एक हिंदू परिवार से थीं और शाहनवाज एक मुस्लिम परिवार से। इस बात की टेंशन हमेशा दोनों को रहती थी, लेकिन इन्होंने अपने रिलेशन को पूरा टाइम दिया। रेणु की फैमिली तो पहले नहीं मान रही थी, लेकिन बाद में उन्होंने इस रिलेशन को स्वीकार कर लिया।शाहनवाज की फैमिली ने उनकी पसंद पर भरोसा किया और पूरी तरह उन्हें सर्पोट किया। इसके बाद दोनों ने 1994 में शादी की।
Source: Bhaskar.com