मधुबनी (बिहार): क्या आपने कभी ऐसा पुल सुना या देखा है, जिस पर ट्रेन और सड़क दोनों हो। चलिए हम दिखाते हैं, मधुबनी जिले के झंझारपुर में एक ऐसा ही रेल-सड़क पुल। ये करीब 150 साल पुराना है। इस पुल पर ट्रेन के साथ-साथ दूसरी गाड़ियां और लोग भी पैदल भी चलते हैं। कहा जाता है कि यह देश में इकलौता ऐसा रेल-सड़क पुल है।
– अंग्रेजों के जमाने का यह पुल कमला नदी पर बना है। ये पुल दरभंगा-झंझारपुर के बीच पुरानी NH-57 पर है।
– मरम्मत न होने के चलते 700 फीट लंबे इस पुल की स्थिति खराब हो गई है।
– पुल पर बने ट्रैक के बीच का स्पेस ऐसा है कि अगर किसी मोटरसाइकिल का चक्का फंस गया तो फिर यहां घंटों तक जाम लग जाता है।
यहां से गुजरती हैं आठ ट्रेनें
– झंझारपुर को गेट-वे ऑफ कोसी भी कहते हैं। यह मधुबनी जिले के प्रमुख बाजारों में है। झंझारपुर जंक्शन से हर दिन आठ ट्रेनें गुजरती है।
– 1960 के दशक में जब छोटी लाइन इस इलाके में आई तो रेलवे ने इस पुल पर ही ट्रैक बनाया और अपने अधीन कर लिया।
– लोगों को पैदल चलने के लिए पुल के किनारे फुटपाथ दे दिया गया। हालांकि, उस वक्त गाड़ियों की इतनी भीड़ नहीं थी। साइकिल होना ही बड़ी बात होती थी।
सुरक्षा का नहीं है कोई इंतजाम
– यहां सुरक्षा के लिए रेलवे की ओर से कोई इंतजाम नहीं है। लोग पुल तभी पार करते हैं जब दोनों ओर से कोई ट्रेन नहीं आ रही होती है।
– दरअसल, यहां के लोगों को पता होता है कि यहां से गुजरने वाली कौन सी ट्रेन कितने बजे आएगी। लिहाजा, लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से पुल पार करते हैं।
Source: Bhaskar.com