पटना. पटनावासियों के लिए मेट्रो अपने साथ कई सौगातें लेकर आएगी। मेट्रो दौड़ेगी, तो शहर का ट्रैफिक 50-60% तक स्मूथ हो जाएगा। जाम से शहर को निजात मिलेगी। हर पांच मिनट पर अगर मेट्रो चलती है, तो हर घंटे 12 ट्रिप लगाएगी। हर ट्रिप में 700-800 लोगों को ले जाने की क्षमता होती है। मतलब यह कि हर घंटे 10 हजार लोग अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे। अभी इसके एक चौथाई लोग भी इतने समय में अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते हैं।
ट्रैफिक
मेट्रो बस फीडर सेवा जुड़ने से मिलेगी राहत
50-60 फीसदी तक ट्रैफिक स्मूथ होगा। हालांकि इसके लिए वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था को भी दुरुस्त करने की तैयारी करनी होगी। मेट्रो बस फीडर सेवाएं उपलब्ध हो जाएं तो ट्रैफिक को और स्मूथ होने में मदद मिलेगी। जो कार या बाइक से आते-जाते हैं, वे घरों से मेट्रो की बसें प्राप्त कर लेंगे। ऐसे में अतिरिक्त कारें और बाइक सड़कों पर नहीं उतरेंगी। इसके लिए इंटीग्रेटेड रिटिकिटिंग व्यवस्था को शुरू कर सकते हैं। टिकट लेने के साथ ही बस का दाम भी उसमें ले लिया जाए।
पर्यटन
जंक्शन, गांधी मैदान का स्वरूप बदलेगा
मेट्रो के रूट टू में पटना जंक्शन, गांधी मैदान, कारगिल चौक, पटना विवि आदि शामिल हैं। इससे पटना जंक्शन और गांधी मैदान का स्वरूप काफी बदलेगा। अभी जंक्शन पर वीभत्स स्थिति रहती है। मेट्रो के आने से फायदा होगा। जो पर्यटक जंक्शन पर उतरेंगे, उन्हें हम शहर की तरफ मोड़ पाएंगे।
पर्यावरण
समय की बचत, पर्यावरण संरक्षण होगा
प्रो. सिन्हा कहते हैं, आम आदमी को क्या चाहिए? साफ-सुथरा शहर, कम समय में गंतव्य तक पहुंच जाएं। मेट्रो यह सब देगी। मिनटों में हम अपने गंतव्य पर होंगे। जाम से कहीं भी सामना होना नहीं है चूंकि मेट्रो का रूट या तो ऊपर या जमीन के नीचे रहना है। पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होगा। शहर में भीड़ खत्म होगी। मेट्रो से रोजगार का भी सृजन होना है।
पर, कम नहीं हैं चुनौतियां
– मेट्रो स्टेशनों के पास बेहतर पार्किंग की सुविधा, ताकि स्टेशन पर अपनी गाड़ी लगा लोग ट्रैवल कर सकें।
– निर्माण कार्य जल्द पूरा करना। मेट्रो के निर्माण के समय शहर काफी अस्त-व्यस्त होता है। वैकल्पिक मार्ग पर समय से काम कर लेना होगा।
– टिकट के दाम कम रखने होंगे। बिहार गरीब प्रदेश है। यहां की स्थिति को देखते हुए दाम कम नहीं हुए तो उद्देश्य सफल नहीं होगा।
– फीडर सेवाओं को बेहतर बनाना होगा।
– कहां कितने यात्री आएंगे, अभी उन रूटों की क्या स्थिति है, भविष्य में शहर की जनसंख्या और स्टेशनों पर अनुमानित भीड़ आदि का आकलन बेहद जरूरी है।
– पटना सिटी को अछूता नहीं छोड़ सकते। वहां जनसंख्या घनत्व काफी अधिक है। उस पर भी ध्यान देना होगा।
सिटी तक होगा विस्तार, मगर ऊपर ही ऊपर
मेट्रो का विस्तार पटना सिटी तक होगा। घनी आबादी और पुरातात्विक महत्व वाले इस इलाके में मेट्रो दौड़ाने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि पटना सिटी से दीघा तक मेट्रो लाइन की फिजिब्लिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी राइट्स को सौंपी गई है।
भूमिगत ट्रैक नहीं बनेगा
पटना सिटी के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए इस इलाके में भूमिगत ट्रैक नहीं बनाया जाएगा। यह रूट पूरी तरह जमीन के ऊपर और एलिवेटेड होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पटना सिटी के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए इस इलाके में भूमिगत ट्रैक की संभावना से इंकार किया था।
Source: Bhaskar.com