Gaya.बिहार के गया का रहने वाला एक भिखारी हर रोज एक हजार रुपए से अधिक की कमाई करता है, दिन में जब उसकी कमाई 1200 रुपए से अधिक होती है तब वह जल्द ही घर लौट जाता है।
पोलियो से पीडि़त सिद्धांत का कहना है कि हर रोज वह 1000 रुपए एक कम नहीं कमाता है। वह अपने वर्तमान स्थिति से खुश है और न उसे भविष्य की चिंता है न ही गुजरे जमाने की।
उसने बताया कि पोलियो से उसका दाहिना पैर खराब हो गया था, मां को इलाज की कोई उम्मीद न दिखी तब उसने मां को घर खर्च में मदद करने का फैसला किया और भीख मांगने लगा।
अशिक्षित सिद्धांत बताता है कि वह 200 प्रति दिन के हिसाब से एक रिक्शा तय करता है, जिस पर एक लाउडस्पीकर लगा होता है। दिन में जब उसकी कमाई 1200 से अधिक हो जाती है तो फिर वह भीख मांगना बंद कर देता है और घर लौट जाता है।
गौरतलब है कि 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार में 25857 भिखारी हैं, जिसमें 78 पुरुष और 17 महिलाएं हैं, जिनके पास स्नातक या उच्च शिक्षा की डिग्री है। 9848 पुरुष और 12421 महिला भिखारी निरक्षर हैं।
Source: Livehindustan.com