लगभग दस साल बाद पाकिस्तान से वापस लाई गई मूक बधिर गीता के परिजनों को अब जिले की पुलिस भी ढूंढे़गी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अनुरोध पर गृह विभाग ने डीएम व एसएसपी को यह जवाबदेही सौंपी है। डीएम ने दोनों एसडीओ व एसएसपी को इस बाबत निर्देश दिया है। इसके आलोक में एसएसपी ने थानाध्यक्षों को गीता के परिजनों को ढूंढ़ने का जिम्मा दिया है।
विदेश मंत्री ने संभावना जताई है कि अब तक मिले संकेतों के आधार पर कहा जा सकता है कि गीता बिहार की है, इसलिए उसके परिजन को ढूंढ़ना सबकी जवाबदेही है। विदेश मंत्री ने गृह विभाग को लिखे पत्र में बताया है कि गीता फिलहाल इंदौर के एक मूक बधिर संस्था में रह रही है। गृह विभाग को लिखे पत्र में बताया गया है कि गीता को जब सारे देश की तस्वीर दिखाई गई तो बिहार की तस्वीर को उसने जाना पहचाना बताया। इशारों में गीता ने बताया है कि उसके सात भाई बहन हैं और बाकी सब बोलते सुनते हैं। उसके बाएं पैर की एड़ी पर चोट के दो बड़े बड़े निशान हैं और उसकी बांयी आंख की सीध में भौंह पर दो बड़े-बड़े काले तिल हैं। वह भटकती हुई दस वर्ष पहले सीमा पार कर पाकिस्तान चली गई थी। गृह विभाग के निर्देश पर डीएम ने दोनों एसडीओ व एसएसपी को मामले में कार्रवाई के लिए लिखा है। एसएसपी ने इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी थानाध्यक्षों को गीता की तस्वीर भेजते हुए अलर्ट किया है और उसके परिजनों को खोजने का निर्देश दिया है। पत्र में बताया गया है कि उसके घर के नजदीक अस्पताल है।
Source: Livehindustan