सहरसा. मन में अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है। चाहे वह पढ़ाई हो या फिर परीक्षा। मोहम्मद मुन्ना इसका नायाब उदाहरण है जो पैर से चलने में असमर्थ होने के बाद भी घर से दस किलोमीटर दूर जाकर इंटर की परीक्षा दे रहा है। अपने साथियों के साथ वह बैजनाथपुर से ऑटो पकड़कर सहरसा बस स्टैंड पर उतरता है और वहां से वह हाथ के सहारे चलकर जिला गर्ल्स हाई स्कूल परीक्षा केंद्र पहुंचता है।
हाथ में छाले न पड़े इसलिए चप्पल पहनता है मुन्ना
तीन घंटे तक परीक्षा देने के बाद फिर हाथ के सहारे वह बस स्टैंड पहुंच जाता है। हाथ में छाले नहीं परे इसके चलते मुन्ना पैर में पहनने वाला चप्पल हाथ में पहन लेता है। उसकी परीक्षा के प्रति जुनून को देखकर उसके साथी सहित परीक्षा केंद्र के वीक्षक तक हतप्रभ हैं। मजदूरी करने वाले मुन्ना के पिता मोहम्मद याकूब बताते हैं कि एक विकलांग रिक्शा था, लेकिन वह ख़राब हो गया है।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय खजुरी से मैट्रिक का छात्र मोहम्मद मुन्ना ने बताया की विकलांग रिक्शा ख़राब होने के बाद फिर कही से कोई मदद तक करने वाला नहीं है। फिलहाल वह डी. एल. कॉलेज बैजनाथपुर में इंटर की पढाई कर रहा था। शारीरिक रूप से असमर्थ होने के बावजूद पढ़ाई के प्रति इतनी लगन का कारण मोहम्मद मुन्ना ने यह बताया की कम से कम इंटर पास करने के बाद कही किसी तरह का रोजगार मिल जाए, जिससे बुढ़ापे में पिता का सहारा बन सके।
Source: Bhaskar.com