
पटना. भगवान शिव भस्मासुर से बचने के लिए रोहतास के पहाड़ियों में शरण लिया था। ऐसी किदवंती है कि भगवान शिव ने यहां पर ही अपना तांडव नृत्य भी किया था। आज लोग इसे लोग गुप्ताधाम के नाम से जानते हैं। आज महाशिवरात्री के अवसर परdainik bhaskar.comगुप्तेश्वर नाथ धाम के बारे में बता रहा है।
आस्था का प्रतिक है गुप्ताधाम
– रोहतास जिले के कैमूर की दुर्गम पहाड़ियों और जंगलों के बीच गुप्तेश्वर नाथ धाम स्थित है।
– स्थानीय लोग बोलचाल की भाषा में इसे गुप्ताधाम के नाम से भी जानते हैं।
– ऐसी किदवंती है कि शिव ने एक बार असुर भस्मासुर को वरदान दिया था कि वे जिसके सिर पर हाथ रखेगा वो भष्म हो जाएगा।
– यह वरदान मिलने के बाद असुर ने महादेव के सिर पर ही हाथ रखने की चेष्टा करने लगा था।
– ऐसी मान्यता हैं कि महादेव कैमूर पहाड़ी के इसी गुफा में छिप कर अपनी रक्षा की थी।
– इसके बाद भी वो जब नहीं माना था तो शिव ने तांडव नृत्य किया था।
– इस नृत्य के दौरान असुर भस्मासुर खुद अपने सिर पर हाथ रख कर भष्म हो गया था।
ऑक्सीन के सहारे जाते हैं लोग
– गुप्ताधाम के इस गुफा में काफी अंधेरा रहता है।
– लगभग 200 मीटर से अधिक अंधेरे गुफा में जाने के बाद शिवलिंग नजर आता है।
– गुफा में ऊपर से पानी टपकता रहता है।
– लोग यहां भक्ति भाव से घंटा चढाते हैं।
– ऐसी मान्यता है की जो भी यहां मन्नते मांगी जाती हैं महादेव पूर्ण करते हैं।
– जिला प्रशासन के द्वारा गुफा में ऑक्सीजन गैस की व्यवस्था की जाती हैं तभी लोग अंदर ज्यादा देर रह पाते हैं वरना दम घुटने लगता है।
– पथरीली जमीन पर लोग 20 किलोमीटर पैदल चल कर चार पहाड़ को पार करते हुए यहां पहुंचते हैं।
– पहले ये इलाका नक्सल प्रभावित था, इस कारण काफी कम संख्या में लोग यहां जाया करते थे।
– लेकिन अब यहां लोगों की यहां आवाजाही तेज हो गई है।
– झारखण्ड तथा बिहार के सीमा पर स्थित इस गुप्ताधाम में दर्शन के लिय कई प्रान्तों के लोग आते हैं।
Source: Bhaskar.com