पटना.भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद लालमुनी चौबे का निधन हो गया है। वे 74 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के एम्स में उन्होंने शुक्रवार के दोपहर के अंतिम सांस ली। उनके दो पुत्र और पांच पुत्रियां हैं।
चौबे का जन्म 6 सितम्बर 1942 को हुआ था। वे शुरु में आरएसएस से जुड़े और फिर जनसंघ के सदस्य बने। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी माने जाते थे। वे चार बार लोकसभा सांसद रहे। हालांकि उन्होंने पहली बार चैनपुर से वर्ष 1972 में विधानसभा का चुनाव जीता। वे वर्ष 1985 से 1990 तक भाजपा विधायक दल के नेता भी थे।
चौबे ने वर्ष 1996 से 2009 तक लगातार लोकसभा में बक्सर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। वे यहां से वर्ष 1996, 1998, 1999 व 2004 पिछली बार बक्सर से उनका लोकसभा टिकट कट गया था जिससे वे काफी नाराज हो गए थे। यहां तक कि उन्होंने बक्सर से निर्दलीय ही चुनाव लड़ने और पार्टी छोड़ने तक की धमकी दे दी थी। काफी मशक्कत के बाद उन्हें मनाया जा सका था। उनकी जगह पार्टी ने अश्विनी कुमार चौबे के बक्सर से मैदान में उतारा था।
– केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल ने कहा-बिहार ने सच्चा राजनेता और एक कार्यकर्ता को खो दिया।
– सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि कई बड़े आंदोलन का चौबे ने नेतृत्व किया था।