पटना। कानूनी रुप से मान्यता मिलने बाद किन्नर भी अब अपनी पहचान बदलना चाहती हैं। पटना की दो किन्नर वर्षा और शिवानी ने भी ऐसा ही एक प्रयास किया है। लेकिन, उनके समुदाय के लोगों ने ही इसका विरोध करना शुरु कर दिया है। ये अपने साथी का ढोलक की थाप की जगह कलम पकड़ने का विरोध कर रही हैं। ये कहती हैं कि कलम नहीं ताली बजाओ
ढोलक छोड़कर पकड़ी कलम
– वर्षा और शिवानी ने ढ़ोलक की थाप छोड़कर कलम पकड़ ली है।
– ये दोनों ढोलक की थाप को छोड़ कलम से अपनी पहचान बनाना चाहती है।
– इनके समुदाय के लोगों को दोनों का पढ़ना नागवार गुजर रहा है।
– शिवानी व वर्षा ने इन बंधनों को तोड़ते हुए पटना वीमेंस कॉलेज दाखिला लिया है।
– यहां दोनों मीडिया व एनिमेशन के शॉर्ट टर्म कोर्स में पढ़ाई कर रही हैं।
– दोनों का पढ़ाई उनके समुदाय के लोगों को रास नहीं आ रहा है।
– दोनों को डराने और धमकाने के लिए कॉलेज से जबरन उठा लिया।
– इनको अंजाम भुगतने तक की धमकी दी।
– दोनों यहां से भागकर किसी तरह कोतवाली थाने पहुंची अपनी शिकायत दर्ज करवाई है।
– लेकिन, दोनों अपनी पढ़ाई को लेकर काफी जागरूक है।
– ये अपने समुदाय के लाख विरोध के बावजूद इसे जारी रखना चाहती है।
– दोनों बताती हैं कि उनके समुदाय के लोग नहीं चाहते ही पढ़ाई करें।
क्या है विवाद
– दरअसल, सोमवार को दोनों किन्नर पटना वीमेंस कॉलेज के कम्युनिटी कॉलेज से पढ़ाई कर लौट रही थीं।
– इसी दरम्यान बाहर बैठे समुदाय के कुछ किन्नरों ने वर्षा और शिवानी को जबरदस्ती ऑटो में बिठा लिया।
– दोनों को ये लोग अदालतगंज ले गयी।
– जहां दोनों के साथ बदसलूकी और हाथापाई की गई।
– साथ ही धमकी भी दी गई कि पढ़ाई करना छोड़ दो, वरना बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा।
– दोनों ने बताया कि उनको बिहार सरकार से सहयोग की अपेक्षा है।
– कम से कम सुरक्षा दे दी जाये, ताकि हम पढ़ सकें।
हम पढ़ने का नहीं, वसूली का विरोध कर रहे हैं
– आरोपी किन्नरों ने कहना है कि हम वर्षा और शिवानी के पढ़ाई का नहीं वसूली का विरोध कर रहे हैं।
– वर्षा और शिवानी को तय करना है कि वे पढ़ाई करेंगे या फिर नेग की रस्म की वसूली
वसूली नहीं करेंगे तो खायेंगे क्या
– वर्षा और शिवानी का कहना है कि हम अपना परंपरागत काम छोड़ देंगे तो खायेंगे क्या?
Source: Bhaskar.com