पटना.शराबबंदी और सार्वजनिक स्थान पर ताड़ी की बिक्री पर रोक के बाद नीतीश सरकार अब नीरा को प्रमोट करने जा रही है। ताड़ी और नीरा दोनों ताड़ के पेड़ से ही निकलते हैं। ताड़ी शराब की श्रेणी में आती है वहीं, नीरा पीने से नशा नहीं होता और यह पौष्टिक होता है।
क्या है नीरा…
– ताड़ी और नीरा दोनों ताड़ के पेड़ से निकलने वाले रस से बनता है।
– सुबह सूर्य निकलने से पहले उतारे गए ताड़ के पेड़ के रस को नीरा कहते हैं।
– नीरा मीठा पेय पदार्थ है, जिसमें कई तरह के विटामिन, मिनरल्स और एमीनो एसिड होते हैं।
– नीरा में अल्कोहल नहीं होता, जिसके चलते इसे पीने पर नशा नहीं होता है।
– सूर्य निकलने के साथ गर्मी बढ़ती है और नीरा में मौजूद नेचुरल शुगर में फरमेंटेशन होने लगता है।
– कुछ घंटों में ही फरमेंटेशन के चलते नीरा में 4 फीसदी तक अल्कोहल बन जाता है।
– अल्कोहल बनते ही नीरा ताड़ी में बदल जाती है, जिसे पीने से नशा होता है।
Source: Bhaskar.com