नई दिल्ली/पटना.दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 6 महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। बेल के बाद उनके पैतृक आवास बीहट में एक साथ होली व दीपावली मनाई। गांव वालों ने रंग-अबीर तो उड़ाया ही, आतिशबाजी भी की। मां-पिता ज्यादा खुश दिखे।
शर्त के साथ मिली बेल
कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाई है। जस्टिस प्रतिभा रानी की बेंच ने कन्हैया को राहत देते हुए 10 हजार रुपए का बेल बांड भरने के लिए भी कहा है। उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
कन्हैया बेगूसराय जिले के बीहट के रहने वाले हैं। कन्हैया को दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के मामले में 13 फरवरी को गिरफ्तार किया था। कन्हैया को अभी न्यायिक अभिरक्षा में तिहाड़ जेल में रखा गया है। जेएनयू में संसद पर आतंकी हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु के पक्ष में कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे। पुलिस ने कन्हैया समेत जेएनयू के 6 छात्रों को इस मामले में आरोपी बनाया था।
इसके पहले दिल्ली पुलिस ने कन्हैया की याचिका पर जमानत दिए जाने का विरोध किया था। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसले को बुधवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान अदालत के पूछने पर कि क्या उनके पास कन्हैया के खिलाफ कोई सीसीटीवी फुटेज या अन्य सबूत है, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वीडियो में कन्हैया नारे लगाते हुए नहीं दिख रहे हैं, लेकिन ऐसे गवाह मौजूद हैं जिन्होंने उन्हें नारे लगाते हुए देखा है। इससे पहले कन्हैया ने अपनी जमानत के लिए पहले उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई थी लेकिन शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए उसे वापस उच्च न्यायालय भेज दिया था कि यह मामला इतना संवेदनशील नहीं है कि सीधे सुनवाई के लिए उसके पास लाया जाए।
कोर्ट की शर्त : जेएनयू में राष्ट्रविरोधी काम रोकेंगे कन्हैया
– कन्हैया को जांच में सहयोग करना होगा। जब भी बुलाया जाएगा, वह पेश होंगे। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे जिसे देशविरोधी कहा जा सकता है।
– छात्रसंघ अध्यक्ष होने के नाते कन्हैया जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में राष्ट्रविरोधी गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए अपने स्तर से हर संभव प्रयास करेंगे।
क्या था मामला :संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की याद में 9 फरवरी को कुछ छात्रों ने जेएनयू में कार्यक्रम किया। इसमें भारत विरोधी नारे लगे। भाजपा सांसद और एबीवीपी ने इसकी शिकायत की। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था।
Source: Bhaskar.com