पटना.उच्च शिक्षा में शोध, गुणवत्ता और आधुनिकता के आकलन के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग ने संस्थानों की एक विशेष ग्रेडिंग कराई है। विभाग की ओर से ग्रेडिंग का काम नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने पूरा किया है। इसमें संस्थानों की ग्रेडिंग, वहां मौजूद सुविधाओं के आधार पर की गई है।
चार कैटेगरी में हुई ग्रेडिंग….
– इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, यूनिवर्सिटी और फार्मेसी में हुई ग्रेडिंग के बाद हर कैटेगरी में टॉप संस्थानों की सूची जारी की गई है।
– कुल 300 संस्थानों की इस सूची में बिहार से सिर्फ 3 संस्थान शामिल हो सके हैं।
– टॉप 100 विश्वविद्यालयों में सिर्फ सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार को जगह मिली है, वह भी 94वें स्थान पर।
– शेष किसी विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ ने टॉप 100 में जगह नहीं दी है।
आईआईटी पटना टॉप 10 में
– इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में बिहार के लिए राहत है।
– टॉप 10 में दसवें स्थान पर आईआईटी पटना को जगह मिल गई है।
– इसके अलावा एनआईटी पटना 87वें स्थान पर टॉप 100 में जगह बनाने में सफल रहा है।
– इन दोनों संस्थानों के अलावा कोई इंजीनियरिंग संस्थान इस लिस्ट में शामिल नहीं है।
– एनआईआरएफ ने मैनेजमेंट और फार्मेसी में टॉप 50 की लिस्ट जारी की है। इसमें बिहार से कोई भी संस्थान जगह नहीं बना सका है।
मार्किंग प्रक्रिया : रैंकिंग की मार्किंग प्रक्रिया कुल 500 अंकों पर आधारित है। कुल 5 पैरामीटर हैं, जिसमें हर पैरामीटर पर 100 अंक हैं।
सीयूएसबी की रैंकिंग
* टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज – 76.46
* रिसर्च प्रोडक्टिविटी, इंपैक्ट – 42.79
* ग्रेजुएशन आउटकम – 36.20
* आउटरीच एंड इन्क्लूसिविटी – 46.84
* परसेप्शन – 00
* टोटल – 48.89
आईआईटी पटना की रैंकिंग
* टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज – 79.80
* रिसर्च प्रोडक्टिविटी, इंपैक्ट – 68.29
* ग्रेजुएशन आउटकम – 74.13
* आउटरीच एंड इन्क्लूसिविटी – 68.78
* परसेप्शन – 93
* टोटल – 74.68
एनआईटी पटना की रैंकिंग
* टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज – 46.73
* रिसर्च प्रोडक्टिविटी, इंपैक्ट – 52.37
* ग्रेजुएशन आउटकम – 66.90
* आउटरीच एंड इन्क्लूसिविटी – 55.69
* परसेप्शन – 37
* टोटल – 51.08
आधुनिक पैमानों पर फिसड्डी
बिहार में उच्च शिक्षा की रैंकिंग हो तो इतनी बुरी स्थिति की उम्मीद नहीं रहती। क्योंकि देश का सातवां सबसे पुराना पटना विश्वविद्यालय यहीं हैं। इसके अलावा पटना कॉलेज, पटना लॉ कॉलेज, कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट जैसे कॉलेज भी बिहार में ही हैं। लेकिन इन हेरिटेज संस्थानों की मौजूदगी के बावजूद बिहार के संस्थान उच्च शिक्षा के आधुनिक पैमानों पर फिसड्डी साबित हुए हैं। इस संबंध में पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. आरके वर्मा का कहना है कि शिक्षकों की कमी के साथ कुछ अन्य मुद्दे हैं जिसके कारण बिहार के विश्वविद्यालयों की स्थिति बेहतर नहीं हो पाई है। लेकिन हम अपनी कमियों को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
Source: Bhaskar.com