पटना.नौ वर्षों की जद्दोजहद के बाद रविवार को बरौनी बिजलीघर से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। ढाई महीने से बिजलीघर को चालू करने की कसरत जारी थी। इस दौरान तीन बार ट्रायल भी किया गया। बिजलीघर गत वर्ष 7 दिसंबर को बनकर पूरी तरह तैयार हुआ और उसी दिन पहली बार बिजलीघर की चिमनी ने धुआं फेंका।
रविवार की सुबह 5:29 बजे बरौनी बिजलीघर ने बिजली पैदा करना शुरू किया और महज कुछ ही मिनट में वहां से 18 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। फिलहाल बिजलीघर को तेल से ही चलाया जा रहा है। इसके बाद कोयला से बिजली का उत्पादन होगा।
मार्च से ही बिहार को नियमित बिजली मिलने लगेगी। 110 मेगावाट क्षमता के बिजलीघर को जर्जर होने के कारण 2004-05 में बंद किया गया था। इस यूनिट का निर्माण 31 मार्च, 1985 को ही हुआ था। तय अवधि और क्षमता से अधिक चलने के कारण बिजलीघर जर्जर हो गया था, जिससे इसे बंद करना पड़ा।
बिहार में नीतीश सरकार के गठन के बाद 2006 में कांटी के साथ-साथ बरौनी बिजलीघर के जीर्णोद्धार व आधुनिकीकरण का निर्णय लिया गया और उसी साल इस पर काम भी शुरू हो गया। इसके लिए योजना आयोग ने 581.20 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी। एनटीपीसी की देखरेख में भेल ने यह काम शुरू किया। इसे 2009 में ही चालू हो जाना था, लेकिन एक दर्जन बार इसे चालू करने की समय-सीमा बढ़ाई गई।
Source: Dainik Bhaskar